*सब का खून समान है (गीत )*
सब का खून समान है (गीत )
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हिंदू मुस्लिम और इसाई सब का खून समान है
( 1 )
अस्पताल में खून दे रहा किसका किसको जाता
खून चढ़ रहा मानव को मानव ही मात्र प्रदाता
जाति और मजहब मत पूछो रिश्ता बस इंसान है
( 2 )
जन्म लिया है जिसने वह केवल इंसान कहाता
आँख नाक मुख से मजहब का किसे ज्ञान हो पाता
माँ की ममता मिली एक-सी, सब को यह वरदान है
( 3 )
अस्पताल में सौ बच्चों में अपना बच्चा छाँटो
अलग-अलग खानों में मजहब के संभव हो बाँटो
एकरूपता से गर्वित हर बच्चे की मुस्कान है
हिंदू मुस्लिम और इसाई सब का खून समान है
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451