सब्र का पैमाना
भर गया मेरे सब्र का पैमाना मगर तेरा इंतजार खत्म न हुआ ,
लो आ गई अब कजा भी तेरे सितम की कोई इंतेहा है
भी के नहीं ए सितमगर !
भर गया मेरे सब्र का पैमाना मगर तेरा इंतजार खत्म न हुआ ,
लो आ गई अब कजा भी तेरे सितम की कोई इंतेहा है
भी के नहीं ए सितमगर !