******* सब्जी मंडी का हाल *******
******* सब्जी मंडी का हाल *******
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आओ सुनाए हाल सब्जी मंडी का,
क्या क्या कैसा हाल सब्जी मंडी का।
ऊँची कुर्सी पर धौस बनाए बैठे सेब थे,
टमाटर की भारी चाल सब्जी मंडी का।
अदरक भी हुई तेज बराबरी लहसुन से,
हरी मिर्च भी मालामाल सब्जी मंडी का।
सौ तोंपों की सलामी दें मूली गाजर को,
हाल किया बहुत बेहाल सब्जी मंडी का।
बैंगन भिंडी घीया भी किसी से कम नही,
तोरी,गोभी का भी नाम सब्जी मंडी का।
टप टप टपकते आंसू गीली आँखों से,
सरकारें भी हुई निढाल सब्जी मंडी का।
करेला भी भौंहे तान खड़ा है अंगूरों से,
कैले संतरें पूछें सवाल सब्जी मंडी का।
प्याज़ की कीमतें आसमान को छूती है,
धनिया भी करे कमाल सब्जी मंडी का।
मनसीरत मंहगाई की मार को झेल रहा,
खाना पीने का मलाल सब्जी मंडी का।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैंथल)