सबसे बुरे है हम – डी के निवातिया
चाहे जितने भी खरे क्यों न हो हम,
चाहे कितने भी मरे क्यों न हो हम,
जब तक उनके मन की बात न करो,
उनकी की नजर में सबसे बुरे है हम !!
!
डी के निवातिया
चाहे जितने भी खरे क्यों न हो हम,
चाहे कितने भी मरे क्यों न हो हम,
जब तक उनके मन की बात न करो,
उनकी की नजर में सबसे बुरे है हम !!
!
डी के निवातिया