Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Oct 2023 · 1 min read

सबको सम्मान दो ,प्यार का पैगाम दो ,पारदर्शिता भूलना नहीं

सबको सम्मान दो ,प्यार का पैगाम दो ,पारदर्शिता भूलना नहीं ,खूबसूरत अंजाम दो !@परिमल

1 Like · 478 Views

You may also like these posts

दहेज मांग
दहेज मांग
Anant Yadav
प्रभु की माया
प्रभु की माया
अवध किशोर 'अवधू'
एक थी नदी
एक थी नदी
सोनू हंस
सच्ची  मौत
सच्ची मौत
sushil sarna
खंडकाव्य
खंडकाव्य
Suryakant Dwivedi
" वफ़ा की उम्मीद "
Dr. Kishan tandon kranti
సంస్థ అంటే సేవ
సంస్థ అంటే సేవ
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
बुढ़ापे में हड्डियाँ सूखा पतला
बुढ़ापे में हड्डियाँ सूखा पतला
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
बात सीधी थी
बात सीधी थी
Dheerja Sharma
एजाज़ लिख दूँ
एजाज़ लिख दूँ
शक्ति राव मणि
अक्षर ज्ञान नहीं है बल्कि उस अक्षर का को सही जगह पर उपयोग कर
अक्षर ज्ञान नहीं है बल्कि उस अक्षर का को सही जगह पर उपयोग कर
Rj Anand Prajapati
आखिर कब तक ऐसा होगा???
आखिर कब तक ऐसा होगा???
Anamika Tiwari 'annpurna '
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
कितना
कितना
Santosh Shrivastava
कान्हा प्रीति बँध चली,
कान्हा प्रीति बँध चली,
Neelam Sharma
तुम्हीं सदगुरु तारणहार
तुम्हीं सदगुरु तारणहार
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
इतना भी ख़ुद में कोई शाद अकेला न रहे,
इतना भी ख़ुद में कोई शाद अकेला न रहे,
Dr fauzia Naseem shad
जब बात नई ज़िंदगी की करते हैं,
जब बात नई ज़िंदगी की करते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
फर्श पे गिर के  बिखर पड़े हैं,
फर्श पे गिर के बिखर पड़े हैं,
हिमांशु Kulshrestha
Lambi khamoshiyo ke bad ,
Lambi khamoshiyo ke bad ,
Sakshi Tripathi
कोई मिठाई तुम्हारे लिए नहीं बनी ..( हास्य व्यंग कविता )
कोई मिठाई तुम्हारे लिए नहीं बनी ..( हास्य व्यंग कविता )
ओनिका सेतिया 'अनु '
जहां प्रेम है वहां आनंदित हुआ जा सकता है, लेकिन जहां मोह है
जहां प्रेम है वहां आनंदित हुआ जा सकता है, लेकिन जहां मोह है
Ravikesh Jha
गुलों की क़बा को सिया भी नहीं था
गुलों की क़बा को सिया भी नहीं था
Monika Arora
3549.💐 *पूर्णिका* 💐
3549.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
शून्य हो रही संवेदना को धरती पर फैलाओ
शून्य हो रही संवेदना को धरती पर फैलाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अच्छे मित्र,अच्छे रिश्तेदार और
अच्छे मित्र,अच्छे रिश्तेदार और
Ranjeet kumar patre
क्या यही संसार होगा...
क्या यही संसार होगा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
*. ईश्वर वही है *
*. ईश्वर वही है *
भूरचन्द जयपाल
कह मुक़री
कह मुक़री
Dr Archana Gupta
Loading...