सबका जीवन हो गतिमान
ईश कृपा सब पर बरसे
सबका जीवन हो गतिमान,
नये वर्ष के इस अवसर पर
स्थापित हो ये प्रतिमान।
बेशक कुछ कमियां होगी
उस बीते हुए वर्ष में जहां
दूर करेंगे उस आज मिल
मुखरित होगा यह वर्ष नया।
समय अल्प है कार्य बहुत
बधाए हर पग – पग में,
संकल्प एक ऐसा ले ले
परिवर्तन हर पल-पल में।
कुछ ऐसे भी राहगीर
जीवन-पथ पर हमें मिलेंगे,
सहचर बनने से बहुत दूर
कांटे पूरे राह में होंगे।
विपदा नहीं डिगाने पाये
सुख में ना इतराये हम,
सुख-दुख के झंझावत में
दूर रहे हमसे हर गम।
पर बेशक कुछ ऐसे भी
हमें मिलेंगे उसी एक पथ,
देंगे बना सफर आसान
लिए हुए सुवरन का रथ।
समर शेष अवसर विशेष
निर्मेष नही रहे कार्य अवशेष,
दीप एक ऐसा हो प्रज्ज्वलित
दीप्तमान हो दिनकर दिनेश।
निर्मेष