सबका एहतराम करूँगा
आना कभी आत्म सरोकार समझकर कारीगर से मिलने.
जाति मज़हब को बेपरवाह किए मै सबका एहतराम करूँगा.
शायर- किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)
आना कभी आत्म सरोकार समझकर कारीगर से मिलने.
जाति मज़हब को बेपरवाह किए मै सबका एहतराम करूँगा.
शायर- किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)