सफलता कदम चूमेगी
है किसके इंतज़ार में
कोई जगाएगा नहीं तुम्हें
किया है जो प्रण तुमने
करना है वो पूरा बस तुम्हें
चढ़ना है पहाड़ की चोटी
अपने तेवर दिखाने होंगे तुमको
आज नहीं तो कल मित्रों
अपने कदम बढ़ाने होंगे तुमको
कोई चमच से खिलाएगा नहीं
निवाला अपने हाथों से खाओ
घोड़े की सवारी करके नहीं
पहाड़ की चोटी खुद चढ़कर आओ
है जो मज़ा मेहनत की कमाई में
बैसाखी के सहारे में वो है कहां
अपने दम पर पाओगे जब शिखर
ऐसी संतुष्टि मिलेगी फिर कहां
किसी के कहने से कुछ होगा नहीं
मैदान में खिलाड़ी आज तू ही है
तुझे ही करना है सबकुछ यहां
लाखों दिलों की आस आज तू ही है
अपने लक्ष्य को साधने का सही मौका है
है वक्त थोड़ा, चूकने का भी समय नहीं
दिखा दे आज अपनी ताकत और जुनून
तेरी मेहनत का हिसाब होगा आज यहीं
पूरी कोशिश करने के बाद भी
जो इस बार सफल हुआ नहीं तू अगर
मेहनत करते रहना, हौसला रखना
कभी भी हार मत मानना तू मगर
मेहनत का फल कभी ज़ाया नहीं जाता
है, यकीं, तेरे चेहरे पर मुस्कान खिलेगी
एक दिन सफलता कदम चूमेगी तेरे
मेहनत से ही तेरी मंज़िल तुझे मिलेगी।