सफलता और सुख का मापदण्ड स्वयं निर्धारित करनांआवश्यक है वरना
सफलता और सुख का मापदण्ड स्वयं निर्धारित करनांआवश्यक है वरना अनावश्यक भौतिक विकास , तुलनात्मक प्रवृति , अनियंत्रित इच्छायें व्यक्ति को मानसिक रोगी बना सकती है। सुदृढ मानसिक शक्ति , आन्तरिक शान्ति व अनुशासित जीवन व्यवस्था ही इस समस्या का समाधान है ।
लीना आनंद