सफर कितना है लंबा
सफर कितना है लंबा
होते रास्ते ख़तम
कभी नहीं
मुड़ जाते हैं
हर छोर पर
मील का पत्थर
तो बस निशाँ हैं
लिखा है जहां
अभी सफ़र और
बहुत बाक़ी है
. . . . . . . अतुल “कृष्ण”
सफर कितना है लंबा
होते रास्ते ख़तम
कभी नहीं
मुड़ जाते हैं
हर छोर पर
मील का पत्थर
तो बस निशाँ हैं
लिखा है जहां
अभी सफ़र और
बहुत बाक़ी है
. . . . . . . अतुल “कृष्ण”