सपनों में बिखरता जीवन
सपनों में बिखरता जीवन,
खोया हुआ ख्वाबों का जहां।
रात की चांदनी, सितारों की रोशनी,
दिल में बसी उम्मीदों की बेरुखी।
सपनों का सफर, दिनों का संघर्ष,
खोजते हर कोई अपनी मंजिल।
पर सपनों की दुनिया, अलग है बिलकुल,
वहां बिखरती है खुशियां, और मैंली नफ़रतें।
कभी रंगीन, कभी अंधेरी ये राहें,
सपनों की दुनिया में कहीं न खो जाए।
चलो बसाएं सपनों का आलम,
और जियें जीवन की रूहानी कविता।
कार्तिक नितिन शर्मा