” सपने “
सपने कभी निंद में कभी जागती आंखों में होते हैं ,
सपने ना तो अच्छे ना ही बुरे होते हैं ।
ये तो हमारे कर्मों से सिद्ध होते हैं ,
सपने कुछ अधुरे तो कुछ ही पुरे होते हैं ।।
✍️ ज्योति ✍️
सपने कभी निंद में कभी जागती आंखों में होते हैं ,
सपने ना तो अच्छे ना ही बुरे होते हैं ।
ये तो हमारे कर्मों से सिद्ध होते हैं ,
सपने कुछ अधुरे तो कुछ ही पुरे होते हैं ।।
✍️ ज्योति ✍️