सपने
सुना हूं,
शाम के सपने पूरे नहीं होते,
सुबह के सपने बुरे नहीं होते।
क्या मानू, ना मानू, क्योंकि हम,
दोनों समय सपने में अधूरे नहीं होते।।
शायर – जय लगन कुमार हैप्पी ⛳
सुना हूं,
शाम के सपने पूरे नहीं होते,
सुबह के सपने बुरे नहीं होते।
क्या मानू, ना मानू, क्योंकि हम,
दोनों समय सपने में अधूरे नहीं होते।।
शायर – जय लगन कुमार हैप्पी ⛳