सपना है आँखों में मगर नीद कही और है
सपना है आँखों में मगर नीद कही और है
दिल तो है जिस्म मे मगर धड़कन कही और है
कैसे बया करे हाल ए दिल
जी तो रहे है मगर जान कही और है
सपना है आँखों में मगर नीद कही और है
दिल तो है जिस्म मे मगर धड़कन कही और है
कैसे बया करे हाल ए दिल
जी तो रहे है मगर जान कही और है