सपना या हकीकत (लघु कथा)
सपना या हकीकत (लघु कथा)
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कल एक सपने में मैंने देखा कि पूरे देश में स्मार्टफोन चेतावनी पखवाड़ा मनाया जा रहा है । जगह- जगह बैनर और होर्डिंग लगे हुए हैं, जिन पर लिखा है कि स्मार्टफोन का अत्यधिक उपयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
मैंने देखा कि स्कूली बच्चों की एक रैली निकल रही है जिसमें बच्चे अपने हाथों में तख्तियां लिए हुए हैं और उन तख्तियों पर बहुत से नारे लिखे हुए हैं। एक तख्ती पर लिखा हुआ था.. स्मार्टफोन से बाहर आ कर देखिए, जिंदगी कितनी खूबसूरत है। एक अन्य तख्ती पर लिखा था.. स्मार्टफोन बर्बाद कर रहा बच्चे बूढ़े और जवान, आंखें कुदरत ने जो दी हैं अब कुछ ही दिन की मेहमान।।
एक अन्य तख्ती पर लिखा था.. मम्मी पापा हमें बचाओ , स्मार्टफोन को बंद कराओ।
मैंने बाजारों में देखा कि सभी दुकानों पर दुकानदार और ग्राहक स्मार्टफोन में व्यस्त हैं। सड़क पर चलते हुए लोग गर्दन झुकाए हुए स्मार्टफोन पर काम कर रहे थे। ज्यादातर लोग एक दूसरे से टकरा रहे थे, क्योंकि सभी का ध्यान स्मार्टफोन में था। कार तथा बाइक के एक्सीडेंट मेरे सामने ही तीन चार हो गए । सभी का मुख्य कारण स्मार्ट फोन का उपयोग था। बड़े बड़े अस्पतालों में स्मार्टफोन चिकित्सा प्रकोष्ठ बना हुआ था, जिसमें ऐसे मरीजों का इलाज होता था जो स्मार्ट फोन के अत्यधिक उपयोग के कारण अपनी आंखों की रोशनी खो चुके थे तथा जिनकी गर्दन टेढ़ी ,कंधे टेढ़े और हाथों की उंगलियां अकड़ चुकी थीं।
उसी समय मेरी दृष्टि एक होर्डिंग पर गई जिस पर एक सामाजिक व्हाट्सएप ग्रुप ने यह घोषणा की थी की उसके ग्रुप का सप्ताह में एक दिन अवकाश रहेगा तथा प्रतिदिन में दो से ज्यादा पोस्ट कोई भी सदस्य ग्रुप में नहीं कर सकेगा। नीचे लिखा थाः स्मार्टफोन का अत्यधिक उपयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
………. तभी मेरी नींद खुल गई और मैं सोचने लगा कि अभी अभी जो मैंने देखा वह सपना था या हकीकत ?
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लेखक ःरवि प्रकाश,
बाजार सर्राफा
रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451