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19 Dec 2022 · 1 min read

सन्नाटा

वीरानी पटरिया-
-सुखी शाख करती इंतजार-
-दीदार होगा आज फिर किसी नये मुसाफिर से-
-धुंधली रोशनी मुस्कुरा कर कहती-
-कुछ देर रुकना यहां-
-यह सन्नाटे भरी राहें सताती मुझे…..

डॉ माधवी मिश्रा ‘शुचि ‘

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 138 Views
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