सदा ही मुस्कुराओ तुम
मिटाकर द्वेष आपस का,गले सबको लगाओ तुम।
भरा है जो ज़हर दिल में,उसे फौरन हटाओ तुम।
मिलेगा कुछ नहीं तुमको, किसी से नफ़रतें करके-
बढ़ाकर दोस्ती आगे, सदा ही मुस्कुराओ तुम।
मिटाकर द्वेष आपस का,गले सबको लगाओ तुम।
भरा है जो ज़हर दिल में,उसे फौरन हटाओ तुम।
मिलेगा कुछ नहीं तुमको, किसी से नफ़रतें करके-
बढ़ाकर दोस्ती आगे, सदा ही मुस्कुराओ तुम।