Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jun 2020 · 2 min read

सदानंदकु सुडोकु : संसार की सबसे बड़ी हस्तनिर्मित व हस्तलिखित ‘सुडोकु’

सुडोकु या सु-डोकु एक गणितीय विधा है, जो जापान से निकलकर संपूर्ण संसार में फैली अनोखी गणितीय पहेली है, किंतु विकिपीडिया के अनुसार, यह गणितीय पहेली सबसे पहले 1970 में न्यूयॉर्क में प्रकशित हुई थी, इसके बाद ही इस पहेली को वर्ष 1984 में जापान से निकलनेवाली अखबार ‘निकोली’ ने प्रकाशित किया था। वर्ष 2005 में प्राय: देशों के अखबारों ने इस पहेली को स्तम्भ के रूप में अनवरत प्रकाशन शुरू किया । भारत के कई अखबारों ने भी इसके प्रकाशन में दिलचस्पी दिखाई । अब तो इस गणितीय पहेली की वास्तविक उम्र 50 वर्ष हो गयी है। वर्ष 2020 तो सुडोकु का स्वर्ण जयंती वर्ष है। इतना तय है, सुडोकु जापानी शब्द है, जिनका अर्थ ‘अकेला अंक’ होता है।

ध्यातव्य है, सुडोकु एक ऐसा गणितीय खेल है, जिनमें एक व्यक्ति ही रहता है और जो वर्गपहेली या शब्दपहेली की भाँति लोगों को मनोरंजन के साथ उनके मस्तिष्क को गणित विधा के प्रति न केवल मेधावी बनाता है, अपितु अंकों और संख्याओं के खेल में दिलचस्पी बढ़ाता है और उन्हें एतदर्थ जागरूक भी करता है। इस गणितीय पहेली में एक वर्ग के अन्दर 9×9 ‘खाने’ बने होते हैं, जो 6 बड़े खाने में विभक्त होते हैं और यह 3×3 के वर्ग में ही समायोजित होती है । खेल में एक पंक्ति या स्तम्भ (क्षैतिज और उदग्र) में 1 से 9 तक के ही अंकों को इस तरह भरते हैं कि कोई भी अंक एक पंक्ति (क्षैतिज या उदग्र) में दुबारा नहीं आ पाए, न ही 3×3 के वर्ग में ही। यह पहेली स्वयं में रोमांचक इस कारण से भी है कि लोगों को लगता है, यह जितना आसान है, उतना आसान यह है नहीं ! तभी तो यह पहेली है।

हालाँकि अखबारों में इस पहेली के लिए जो स्तम्भ दिए होते हैं, उनके कई खाने में कुछ अंकों को उद्धृत कर दिया जाता है । इसके बावजूद इसतरह की पहेली में विविध-विविध प्रकारों से खाने में अंक भरकर ‘सुडोकु’ को पूर्ण किया जाता है । ज्ञात हो, अखबारों से सर्वाधिक ‘सुडोकु’ क्लिपिंग या कटिंग इकट्ठे करने को लेकर कटिहार, बिहार की शिक्षिका सुश्री अर्चना कुमारी पॉल के नाम नेशनल रिकॉर्ड है, जो लगातार दूसरी बार अपने ही रिकॉर्ड को ध्वस्त कर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज कराई है।

यह तो सिर्फ 9 अंकों की ही सुडोकु है, किंतु भारतीय लॉकडाउन में घर में अनवरत रहने को अवसर में ढालकर मैंने (सदानंद पॉल) 81 (इक्यासी) अंकों के वृहद सुडोकु बना डाला, जो कलम द्वारा कागज (पेपर) पर बनाई गई हस्तनिर्मित अथवा हस्तलिखित में संसार की सबसे बड़ी सुडोकु है। इसे अगर बनानेवाले शख़्स को श्रेय दी जाय, तो मेरा नाम जोड़कर इस गणितीय पहेली को ‘सदानंदकु’ भी कह सकते हैं !

Language: Hindi
Tag: लेख
384 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
समय
समय
Dr.Priya Soni Khare
झूठ बोल नहीं सकते हैं
झूठ बोल नहीं सकते हैं
Sonam Puneet Dubey
बच्चों की परीक्षाएं
बच्चों की परीक्षाएं
Dhirendra Singh
रिज़्क़ तू सबको दे मेरे मौला,
रिज़्क़ तू सबको दे मेरे मौला,
Dr fauzia Naseem shad
Anand mantra
Anand mantra
Rj Anand Prajapati
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
गम
गम
इंजी. संजय श्रीवास्तव
Website: https://dongphucasian.com/xuong-may-dong-phuc-ao-th
Website: https://dongphucasian.com/xuong-may-dong-phuc-ao-th
dongphucuytin123
*जीवन में जो पाया जिसने, उस से संतुष्टि न पाता है (राधेश्याम
*जीवन में जो पाया जिसने, उस से संतुष्टि न पाता है (राधेश्याम
Ravi Prakash
यूं ही कोई शायरी में
यूं ही कोई शायरी में
शिव प्रताप लोधी
Aaj Aankhe nam Hain,🥹
Aaj Aankhe nam Hain,🥹
SPK Sachin Lodhi
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तमाम उम्र जमीर ने झुकने नहीं दिया,
तमाम उम्र जमीर ने झुकने नहीं दिया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दुकान मे बैठने का मज़ा
दुकान मे बैठने का मज़ा
Vansh Agarwal
जब वो मिलेगा मुझसे
जब वो मिलेगा मुझसे
Vivek saswat Shukla
गौ माता...!!
गौ माता...!!
Ravi Betulwala
रमेशराज के साम्प्रदायिक सद्भाव के गीत
रमेशराज के साम्प्रदायिक सद्भाव के गीत
कवि रमेशराज
अपनी हीं क़ैद में हूँ
अपनी हीं क़ैद में हूँ
Shweta Soni
"Sometimes happiness and peace come when you lose something.
पूर्वार्थ
अच्छा लगना
अच्छा लगना
Madhu Shah
जो हैं आज अपनें..
जो हैं आज अपनें..
Srishty Bansal
मेखला धार
मेखला धार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
करे मतदान
करे मतदान
Pratibha Pandey
2967.*पूर्णिका*
2967.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
होली के हुड़दंग में ,
होली के हुड़दंग में ,
sushil sarna
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस
Dr. Kishan tandon kranti
ଡାକ ଆଉ ଶୁଭୁ ନାହିଁ ହିଆ ଓ ଜଟିଆ
ଡାକ ଆଉ ଶୁଭୁ ନାହିଁ ହିଆ ଓ ଜଟିଆ
Bidyadhar Mantry
मु
मु
*प्रणय*
सच्चाई का रास्ता
सच्चाई का रास्ता
Sunil Maheshwari
दो घड़ी बसर कर खुशी से
दो घड़ी बसर कर खुशी से
VINOD CHAUHAN
Loading...