सदपुरुष अपना कर्तव्य समझकर कर्म करता है और मूर्ख उसे अपना अध
सदपुरुष अपना कर्तव्य समझकर कर्म करता है और मूर्ख उसे अपना अधिकार और साधन समझ लेते हैं। उदार और स्वार्थी मनुष्य का यही भेद है।
जय सियाराम
सदपुरुष अपना कर्तव्य समझकर कर्म करता है और मूर्ख उसे अपना अधिकार और साधन समझ लेते हैं। उदार और स्वार्थी मनुष्य का यही भेद है।
जय सियाराम