Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jul 2021 · 1 min read

सत्य

एक परिंदा देखो आज फिर पिंजरे से आज़ाद हो गया
जो सदा से साथ रहा वो अचानक कहीं पर खो गया

आना और जाना सदियों से इस दुनिया का दस्तूर है
रात में सोना सवेरे उठना वो सोया तो फिर सो गया

वीर कुमार जैन
08 जुलाई 2021

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 267 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कुछ लोग
कुछ लोग
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
सत्य वर्तमान में है और हम भविष्य में उलझे हुए हैं।
सत्य वर्तमान में है और हम भविष्य में उलझे हुए हैं।
Ravikesh Jha
मतिभ्रष्ट
मतिभ्रष्ट
Shyam Sundar Subramanian
ये इंसानी फ़ितरत है जनाब !
ये इंसानी फ़ितरत है जनाब !
पूर्वार्थ
चोट
चोट
आकांक्षा राय
याद तो करती होगी
याद तो करती होगी
Shubham Anand Manmeet
4200💐 *पूर्णिका* 💐
4200💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
दुनिया में सबसे अच्छा यह अपना हिंदुस्तान है (गीत)
दुनिया में सबसे अच्छा यह अपना हिंदुस्तान है (गीत)
Ravi Prakash
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के प्रपंच
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के प्रपंच
कवि रमेशराज
अहंकार
अहंकार
लक्ष्मी सिंह
मैं मासूम
मैं मासूम "परिंदा" हूँ..!!
पंकज परिंदा
*****रामलला*****
*****रामलला*****
Kavita Chouhan
"सूरत और सीरत"
Dr. Kishan tandon kranti
अकेलापन
अकेलापन
भरत कुमार सोलंकी
प्रद्त छन्द- वासन्ती (मापनीयुक्त वर्णिक) वर्णिक मापनी- गागागा गागाल, ललल गागागा गागा। (14 वर्ण) अंकावली- 222 221, 111 222 22. पिंगल सूत्र- मगण तगण नगण मगण गुरु गुरु।
प्रद्त छन्द- वासन्ती (मापनीयुक्त वर्णिक) वर्णिक मापनी- गागागा गागाल, ललल गागागा गागा। (14 वर्ण) अंकावली- 222 221, 111 222 22. पिंगल सूत्र- मगण तगण नगण मगण गुरु गुरु।
Neelam Sharma
ग़ज़ल _ छोटी सी ज़िंदगी की ,,,,,,🌹
ग़ज़ल _ छोटी सी ज़िंदगी की ,,,,,,🌹
Neelofar Khan
तुम बनते चालाक क्यों,धोखा है संसार ।
तुम बनते चालाक क्यों,धोखा है संसार ।
seema sharma
नदी का किनारा ।
नदी का किनारा ।
Kuldeep mishra (KD)
मेरी पहचान!
मेरी पहचान!
कविता झा ‘गीत’
उस झरोखे को बंद करें, जो आपको पीड़ा देता है, बाहर का दृश्य च
उस झरोखे को बंद करें, जो आपको पीड़ा देता है, बाहर का दृश्य च
इशरत हिदायत ख़ान
मां
मां
Dr.Priya Soni Khare
ज़ब जीवन मे सब कुछ सही चल रहा हो ना
ज़ब जीवन मे सब कुछ सही चल रहा हो ना
शेखर सिंह
मुक्तक
मुक्तक
गुमनाम 'बाबा'
मजबूरियां रात को देर तक जगाती है ,
मजबूरियां रात को देर तक जगाती है ,
Ranjeet kumar patre
*नयी पीढ़ियों को दें उपहार*
*नयी पीढ़ियों को दें उपहार*
Poonam Matia
वक्त लगता है
वक्त लगता है
Vandna Thakur
पीड़ाएं सही जाती हैं..
पीड़ाएं सही जाती हैं..
Priya Maithil
AE888 - Nhà Cái Số 1, Giao Dịch Siêu Tốc, Nạp Rút An Toàn. T
AE888 - Nhà Cái Số 1, Giao Dịch Siêu Tốc, Nạp Rút An Toàn. T
AE888
#लघुकथा
#लघुकथा
*प्रणय*
रहो तुम प्यार से जुड़कर ,
रहो तुम प्यार से जुड़कर ,
DrLakshman Jha Parimal
Loading...