सत्य
एक परिंदा देखो आज फिर पिंजरे से आज़ाद हो गया
जो सदा से साथ रहा वो अचानक कहीं पर खो गया
आना और जाना सदियों से इस दुनिया का दस्तूर है
रात में सोना सवेरे उठना वो सोया तो फिर सो गया
वीर कुमार जैन
08 जुलाई 2021
एक परिंदा देखो आज फिर पिंजरे से आज़ाद हो गया
जो सदा से साथ रहा वो अचानक कहीं पर खो गया
आना और जाना सदियों से इस दुनिया का दस्तूर है
रात में सोना सवेरे उठना वो सोया तो फिर सो गया
वीर कुमार जैन
08 जुलाई 2021