सत्य ही शिव, शिव ही सुन्दर।
ऊँ नमः शिवाय। (दोहे)
??????
शिव जी की महिमा बड़ी, बड़ा है उनका नाम।
काम, क्रोध, मद्, लोभ का, करते हैं विष पान।।
भूतनाथ, औघड़दानी, विशेश्वर है नाम।
जिस पर हो कृपा उनकी, बनेंगे बीगड़े काम।।
नाग गले फुफकारता, डमरु करता शोर।
फूल और फल भाये नहीं, भंग पीये पुरजोर।।
श्मशान में वाश करे , रहे भूतों के संग।
अर्द्धनारीश्वर भोले हैं, जटा से बहती गंग।।
कांधे पर कावण लिए, भक्त भजे शिव नाम।
गंगा जल भर कर चले, शिव भोले के धाम।।
कैलाश पर वाश करे, रहे उमा के संग।
शिव प्रिया उमा पार्वती, घोंट रही हैं भंग।।
उमा गजानन कार्तिकेय, यहीं है शिव परिवार।
रमे रहो शिव भक्ति में, जन्म हो सफल साकार।।
सत्य शिव का नाम है, सुन्दर है स्वरूप।
जिसकी जैसी कामना, मिलते है उस रूप।।
—–
©®पं.संजीव शुक्ल “सचिन”