सत्य पथ जीता,
परमारथ संग दान पुण्य का, जिसको मिला सुभीता,
भक्ति भाव उसकी रामायण, और कर्म है गीता |
ईर्ष्या द्वेष घृणा चिन्ता को, छोड़ सका जिसका मन,
जीवन उसका धन्य समय यदि, उपकारों में बीता |
परमारथ संग दान पुण्य का, जिसको मिला सुभीता,
भक्ति भाव उसकी रामायण, और कर्म है गीता |
ईर्ष्या द्वेष घृणा चिन्ता को, छोड़ सका जिसका मन,
जीवन उसका धन्य समय यदि, उपकारों में बीता |