Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Mar 2024 · 1 min read

सत्य जब तक

ज्ञान का सूरज उदित होता नहीं
सत्य जब तक है घटित होता नहीं,

मोह का ये आवरण हटता नहीं
सत्य जब तक है सृजित होता नहीं,

झूठ शक्तिहीन तब तक है नहीं
सत्य जब तक है श्रमित होता नहीं,

आदमी तब तक भटकता है नहीं
सत्य जब तक है भ्रमित होता नहीं,

कोई भी प्रतिरोध फल पाता नहीं
सत्य जब तक है गठित होता नहीं।

1 Like · 2 Comments · 163 Views
Books from Shweta Soni
View all

You may also like these posts

प्रेम और करुणा: समझ और अंतर। ~ रविकेश झा।
प्रेम और करुणा: समझ और अंतर। ~ रविकेश झा।
Ravikesh Jha
मुझे जगा रही हैं मेरी कविताएं
मुझे जगा रही हैं मेरी कविताएं
Mohan Pandey
रमेशराज के बालगीत
रमेशराज के बालगीत
कवि रमेशराज
माँ
माँ
Ayushi Verma
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
🙅आज का मसला🙅
🙅आज का मसला🙅
*प्रणय*
वो लुका-छिपी, वो दहकता प्यार...
वो लुका-छिपी, वो दहकता प्यार...
Shreedhar
ये पैसा भी गजब है,
ये पैसा भी गजब है,
Umender kumar
राममय हुआ हिन्दुस्तान
राममय हुआ हिन्दुस्तान
Parmanand Nishad Priy
आज अचानक आये थे
आज अचानक आये थे
Jitendra kumar
इसके बारे में कैसा है?
इसके बारे में कैसा है?
Otteri Selvakumar
"दिमाग"से बनाये हुए "रिश्ते" बाजार तक चलते है!
शेखर सिंह
3709.💐 *पूर्णिका* 💐
3709.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
चिड़ियों की चहक
चिड़ियों की चहक
Santosh kumar Miri
इम्तिहान
इम्तिहान
AJAY AMITABH SUMAN
जग में उजास फैले
जग में उजास फैले
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
देर आए दुरुस्त आए...
देर आए दुरुस्त आए...
Harminder Kaur
*बाल गीत (पागल हाथी )*
*बाल गीत (पागल हाथी )*
Rituraj shivem verma
राजनीति के खेल निराले
राजनीति के खेल निराले
Mukesh Kumar Rishi Verma
" इम्तिहां "
Dr. Kishan tandon kranti
यूं इतराया ना कर
यूं इतराया ना कर
Shinde Poonam
खुद के हाथ में पत्थर,दिल शीशे की दीवार है।
खुद के हाथ में पत्थर,दिल शीशे की दीवार है।
Priya princess panwar
हमारा ऐसा हो गणतंत्र।
हमारा ऐसा हो गणतंत्र।
सत्य कुमार प्रेमी
किसी तरह की ग़ुलामी का ताल्लुक़ न जोड़ इस दुनिया से,
किसी तरह की ग़ुलामी का ताल्लुक़ न जोड़ इस दुनिया से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ग़ज़ल __आशिकों महबूब से सबको मिला सकते नहीं ,
ग़ज़ल __आशिकों महबूब से सबको मिला सकते नहीं ,
Neelofar Khan
समझों! , समय बदल रहा है;
समझों! , समय बदल रहा है;
अमित कुमार
शब्द
शब्द
Neeraj Agarwal
।। कसौटि ।।
।। कसौटि ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
*मिटा-मिटा लो मिट गया, सदियों का अभिशाप (छह दोहे)*
*मिटा-मिटा लो मिट गया, सदियों का अभिशाप (छह दोहे)*
Ravi Prakash
रुलाई
रुलाई
Bodhisatva kastooriya
Loading...