सत्य जब तक
ज्ञान का सूरज उदित होता नहीं
सत्य जब तक है घटित होता नहीं,
मोह का ये आवरण हटता नहीं
सत्य जब तक है सृजित होता नहीं,
झूठ शक्तिहीन तब तक है नहीं
सत्य जब तक है श्रमित होता नहीं,
आदमी तब तक भटकता है नहीं
सत्य जब तक है भ्रमित होता नहीं,
कोई भी प्रतिरोध फल पाता नहीं
सत्य जब तक है गठित होता नहीं।