सत्य की सरिता
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सत्य की सरिता
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चल चलें उस ओर कि
सतन्याय सबको मिल सके ।
सत्य की सरिता में जन
अधिकार सबको मिल सके ।।
नित्य नूतन देशना से
मन ये सिंचित हो रहा है ।
सत्य शोधित मंत्रणा से
न्याय निर्मित हो रहा है ।।
दार्शनिक सदज्ञान का
आधार सबको मिल सके ।
सत्य की सरिता में………….
दुर्दिशा में जा रही
धारा मनुज संज्ञान की ।
धूर्त के चंगुल में है
अब शांति हर इंसान की ।।
स्वातंत्र्य और सामर्थ्य का
विस्तार सबको मिल सके ।
सत्य की सरिता……………….
आज तो हर कण जगत का
गीत सत का गा रहा है ।
न्याय का वारिद तृषा की
ओर सत्वर जा रहा है ।।
सामरिक यह पूर्णता
अब हर किसी को मिल सके ।
सत्य की सरिता…………….
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-(सामरिक अरुण)
WCM NDS हरिद्वार
22/05/2016
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