Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jul 2024 · 1 min read

सत्य का सामना करना आ गया।

सत्य का सामना करना आ गया।
आग से गुजरना चलना आ गया।।
दुखों को तिलांजलि देकर लौटा हूँ,
सुखों की ऊँगलियाँ धरना आ गया।।

—- ननकी 24/07/2024

2 Likes · 98 Views

You may also like these posts

भावनाओं का प्रबल होता मधुर आधार।
भावनाओं का प्रबल होता मधुर आधार।
surenderpal vaidya
पंख गिरवी रख लिए
पंख गिरवी रख लिए
Dr. Rajeev Jain
4722.*पूर्णिका*
4722.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Destiny
Destiny
Shyam Sundar Subramanian
*मुख काला हो गया समूचा, मरण-पाश से लड़ने में (हिंदी गजल)*
*मुख काला हो गया समूचा, मरण-पाश से लड़ने में (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
रतन टाटा जी..!!
रतन टाटा जी..!!
पंकज परिंदा
"अनाज"
Dr. Kishan tandon kranti
बुजुर्ग बाबूजी
बुजुर्ग बाबूजी
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
बेटियां
बेटियां
Mukesh Kumar Sonkar
शहीद की अंतिम यात्रा
शहीद की अंतिम यात्रा
Nishant Kumar Mishra
#हिंदी_दिवस_विशेष
#हिंदी_दिवस_विशेष
*प्रणय*
ग़ज़ल _ मुझे भी दे दो , गुलाब जामुन ,
ग़ज़ल _ मुझे भी दे दो , गुलाब जामुन ,
Neelofar Khan
शिवांश को जन्म दिवस की बधाई
शिवांश को जन्म दिवस की बधाई
विक्रम कुमार
चॅंद्रयान
चॅंद्रयान
Paras Nath Jha
- बेड़ीया -
- बेड़ीया -
bharat gehlot
रमेशराज का ' सर्पकुण्डली राज छंद ' अनुपम + ज्ञानेंद्र साज़
रमेशराज का ' सर्पकुण्डली राज छंद ' अनुपम + ज्ञानेंद्र साज़
कवि रमेशराज
शासकों की नज़र में विद्रोही
शासकों की नज़र में विद्रोही
Sonam Puneet Dubey
ज़ख़्म मेरा, लो उभरने लगा है...
ज़ख़्म मेरा, लो उभरने लगा है...
sushil yadav
तन्हा....
तन्हा....
sushil sarna
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
तअलीम से ग़ाफ़िल
तअलीम से ग़ाफ़िल
Dr fauzia Naseem shad
आधुनिकता का नारा
आधुनिकता का नारा
Juhi Grover
युद्ध नहीं अब शांति चाहिए
युद्ध नहीं अब शांति चाहिए
लक्ष्मी सिंह
दुनिया में मैं कुछ कर न सका
दुनिया में मैं कुछ कर न सका
manorath maharaj
सताया ना कर ये जिंदगी
सताया ना कर ये जिंदगी
Rituraj shivem verma
सब कुछ हमे पता है, हमे नसियत ना दीजिए
सब कुछ हमे पता है, हमे नसियत ना दीजिए
पूर्वार्थ
मौसम और जलवायु
मौसम और जलवायु
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
वर्षा रानी
वर्षा रानी
Ranjeet kumar patre
दर्द ना अश्कों का है ना ही किसी घाव का है.!
दर्द ना अश्कों का है ना ही किसी घाव का है.!
शेखर सिंह
जो असंभव है  वो बात कैसे लिखूँ
जो असंभव है वो बात कैसे लिखूँ
Dr Archana Gupta
Loading...