सत्ताधीश
@मैं मसाइल भरी लब्जों पर बोलता गया,
उन्हें प्यार के गीत से फुर्सत कहाँ मिली@
***************सत्ता*************
जब भी आलाकमान बोलेगा,
तो फ़र्श पे आसमान बोलेगा,
बेबस जुबां में कोई जोश नहीं,
तूँ कहता है हिंदुस्तान बोलेगा,,
बंटे हाथ-पांव जब भी हमारे ,
तब तो उसका गुमान बोलेगा,
हर बार वो झूठ बोलता रहा,
ख़ाक अब काम की बोलेगा,