सजल
1222 1222 1222 1222
सजल
सितम गर आप हो या मैं, किसी दिन फिर बताएंगे।
कहा तुम मान लो मेरा, सितारे तोड़ लाएंगे।।
जरा तुम आँख भर देखो, मुहब्बतों के नजारे हैं,
अगर तुम साथ दे दो तो, जहां को भूल जाएंगे।
पुकारूँ नाम तेरा ही, लगन तेरी लगी मुझको,
खुदा हैं मान बैठे अब, वफ़ा के बोल भाएंगे।
जले अब दीप राहों में, उजाले प्रीत के भर दो,
बनो मन मीत मेरे तुम, प्रणय के गीत गाएंगे।
नहीं शिकवा कभी तुमसे, शिकायत भी नहीं होगी,
मनाना रूठ गर जाऊँ, हृदय अनुराग पाएंगे।
नहीं है प्यार की सीमा, धरा पर स्वर्ग है दिखता।
किया गर प्रेम सच्चा है, खुदा भी साथ आएंगे।
सीमा शर्मा