…”सच”…
(…#सच…)
हर कदम फूंक के रखना,
कहीं कांटा न चुभ जाए।
हर अपने का हाथ पकड़े रखना,
कहीं बीच राह में छूट न जाए।।
क्योंकि हर किसी मोड़ पर,
अक्सर अपने साथ छोड़ दिया करते हैं।
और वो अपने ही होते हैं,
जो दूसरों की भीड़ में नजर आया करते हैं।।
…..#विकाश गुप्ता..