सच दिखाने से ना जाने क्यों कतराते हैं लोग,
सच दिखाने से ना जाने क्यों कतराते हैं लोग,
अपनी ही मुहब्बत को अपने से छिपाते हैं लोग।
उम्र ढल रही है तो दिखाओ न अपने नूर को,
कोहिनूर शख्सियत है, उससे ही जाने जाते हैं लोग।
मेरी कलम से…
आनन्द कुमार
सच दिखाने से ना जाने क्यों कतराते हैं लोग,
अपनी ही मुहब्बत को अपने से छिपाते हैं लोग।
उम्र ढल रही है तो दिखाओ न अपने नूर को,
कोहिनूर शख्सियत है, उससे ही जाने जाते हैं लोग।
मेरी कलम से…
आनन्द कुमार