सच को सच
सच को सच झूठ को झूठ कहने का हौसला रखना।
अपनी हस्ती में शाद तुम भी इतना दम रखना ।।
ग़र ज़माने से है उम्मीद है कि वह बदल जाये ।
बशर्ते खुद को भी बदलने का हौसला रखना ॥
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
सच को सच झूठ को झूठ कहने का हौसला रखना।
अपनी हस्ती में शाद तुम भी इतना दम रखना ।।
ग़र ज़माने से है उम्मीद है कि वह बदल जाये ।
बशर्ते खुद को भी बदलने का हौसला रखना ॥
डाॅ फौज़िया नसीम शाद