सच को सच कहना हुआ ,अब मुश्किल की बात
सच को सच कहना हुआ ,अब मुश्किल की बात ।
ठकुर सुहाती जो कहे , करे मजे दिन रात ।।
करे मजे दिन रात , झूठ की दुनियादारी।
सच को कारावास , न्याय को संकट भारी ।
दरबारी हो राग , चलेगा सब कुछ कहना ।
अब मुश्किल की बात ,हुआ सच को सच कहना ।।
सतीश पाण्डेय