सच की कसौटी
कह रहा है सच तू जानते है सब
लेकिन तेरी बात सच्ची नहीं मानी जाएगी
कसी जाएगी कई कसौटियों पर
पहले लाभ हानि के तराज़ू पर रखी जाएगी
हो रहा हो कोई फायदा उससे
तभी वो बात सच्ची मानी जाएगी
ज़रूरत पड़ी अगर वही बात
समाचारों में भी सबको सुनाई जाएगी
सच अब सच नहीं रह गया है
ये बात न कभी भुलाई जाएगी
अगर तेरा सच है फायदेमंद, तभी
वो बात सबको बताई जाएगी
कोई नहीं जानता सच क्या है
फिर इसकी परख कैसे की जाएगी
भगवान की आकाशवाणी भी लगेगी झूठी
जो किसी न्यूज़ चैनल पर सुनाई जाएगी
कैसे और किस पर एतबार करें
जब एक ही बात
सबको अलग तरीके से बताई जाएगी
कोई कहेगा नया अनुसंधान जिसको
कहीं वही चोरी बतलाई जाएगी
हो रही भुखमरी से कितनी मौतें
ये बात सबसे छुपाई जाएगी
कैसे एतबार करें मीडिया पर
जब महंगाई की खूबियां गिनाई जाएगी
नोटों पर चिप होने की खबर
हमको तो बार बार याद आएगी
छोड़कर टी आर पी की चिंता
बाढ़ में फंसे लोगों की जान कब बचाई जाएगी
ऐसे ही नहीं हो जाते इंकलाब
उसके लिए जाने कितनी कुर्बानियां ली जाएगी
हो पाएगा ये चौथा स्तंभ तभी मज़बूत
सच को सच कहने की हिम्मत जब दिखाई जाएगी।