Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Sep 2024 · 1 min read

सच्चे मन से जो करे,

सच्चे मन से जो करे,
रिश्तों से निर्वाह ।
उसकी भी रिश्ते करें,
जीवन में परवाह ।।

सुशील सरना / 10-9-24

68 Views

You may also like these posts

गणित का एक कठिन प्रश्न ये भी
गणित का एक कठिन प्रश्न ये भी
शेखर सिंह
"जाम"
Dr. Kishan tandon kranti
जिस पनघट के नीर से, सदा बुझायी प्यास
जिस पनघट के नीर से, सदा बुझायी प्यास
RAMESH SHARMA
शीर्षक -
शीर्षक -"मैं क्या लिखूंँ "
Sushma Singh
आधार छंद - बिहारी छंद
आधार छंद - बिहारी छंद
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
🌳😥प्रकृति की वेदना😥🌳
🌳😥प्रकृति की वेदना😥🌳
SPK Sachin Lodhi
The best way to live
The best way to live
Deep Shikha
छंद: हरिगीतिका : इस आवरण को फोड़कर।
छंद: हरिगीतिका : इस आवरण को फोड़कर।
Ashwani Kumar
सुरक्षा
सुरक्षा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
वर्तमान से ज्यादा
वर्तमान से ज्यादा
पूर्वार्थ
चांद देखा
चांद देखा
goutam shaw
भक्ति- निधि
भक्ति- निधि
Dr. Upasana Pandey
फिसलती रही रेत सी यह जवानी
फिसलती रही रेत सी यह जवानी
मधुसूदन गौतम
जो हुआ, वह अच्छा ही हुआ
जो हुआ, वह अच्छा ही हुआ
gurudeenverma198
पिता का साथ
पिता का साथ
Seema gupta,Alwar
World Dance Day
World Dance Day
Tushar Jagawat
प्रेम पगडंडी कंटीली फिर भी जीवन कलरव है।
प्रेम पगडंडी कंटीली फिर भी जीवन कलरव है।
Neelam Sharma
विष का कलश लिये धन्वन्तरि
विष का कलश लिये धन्वन्तरि
कवि रमेशराज
अपना कोई नहीं है इस संसार में....
अपना कोई नहीं है इस संसार में....
Jyoti Roshni
क्यों हमें बुनियाद होने की ग़लत-फ़हमी रही ये
क्यों हमें बुनियाद होने की ग़लत-फ़हमी रही ये
Meenakshi Masoom
मारी - मारी फिर रही ,अब तक थी बेकार (कुंडलिया)
मारी - मारी फिर रही ,अब तक थी बेकार (कुंडलिया)
Ravi Prakash
कबूतर
कबूतर
Vedha Singh
दिल चाहता है अब वो लम्हें बुलाऐ जाऐं,
दिल चाहता है अब वो लम्हें बुलाऐ जाऐं,
Vivek Pandey
प्यार दर्द तकलीफ सब बाकी है
प्यार दर्द तकलीफ सब बाकी है
Kumar lalit
अनेकता में एकता 🇮🇳🇮🇳
अनेकता में एकता 🇮🇳🇮🇳
Madhuri Markandy
हवाओं ने बड़ी तैय्यारी की है
हवाओं ने बड़ी तैय्यारी की है
Shweta Soni
दूर जा चुका है वो फिर ख्वाबों में आता है
दूर जा चुका है वो फिर ख्वाबों में आता है
Surya Barman
रे मन
रे मन
Usha Gupta
हम लहू आशिकी की नज़र कर देंगे
हम लहू आशिकी की नज़र कर देंगे
Dr. Sunita Singh
जब सिस्टम ही चोर हो गया
जब सिस्टम ही चोर हो गया
आकाश महेशपुरी
Loading...