सच्चा प्यार
कुछ माह पूर्व ही मीता का विवाह योगेश के साथ खूब धूमधाम से हुआ था ।योगेश इंजीनियर था व बंगलौर में किसी कंपनी में नौकरी करता था…. माता- पिता दूसरे शहर में रहते थे । विवाह के कुछ दिनों पश्चात् दोनों अपने शहर से बंगलौर आ गये … व गृहस्थी बसाने में व्यस्त हो गये . योगेश की आय से घर का गुज़ारा अच्छी तरह से हो जाता था ।दोनों सुखपूर्वक हँसी- ख़ुशी ज़िंदगी व्यतीत कर रहे थे । शादी के दो वर्ष पूरे होते- होते मीता ने एक सुंदर सी बिटिया को जन्म दिया । बेटी पाकर दोनों बहुत ख़ुश हुये । मीता के सास- ससुर व अन्य संबंधी बधाई देकर कुछ दिन वहाँ रहकर चले गये ।
घर में रह गये योगेश, मीता व छोटी गुड़िया….. कुछ दिन तो सब कुछ ठीकठाक चलता रहा। मीता का सारा समय बच्चे की व घर की ही देखभाल में चला जाता था… यहाँ तक कि उसे स्वयं के लिये भी समय नहीं मिल पाता था… तो योगेश की तीमारदारी कैसे होती ? योगेश उसकी किसी भी काम में मदद नहीं करता था….. यहाँ तक कि बाज़ार का काम या बच्चे के साथ डॉक्टर के यहाँ भी मीता अकेली ही जाती थी । कभी- कभी तो थक- हार कर वह रुआँसा हो उठती थी ।उसे योगेश के लिये भी वक़्त नहीं मिलता था । धीरे- धीरे योगेश का मीता के प्रति व्यवहार बदलने लगा ।बात- बात पर ताने मारना, घर देरी से लौटना, काम में मीनमेख निकालना उसका नित्य का काम हो गया ।कुछ दिनों पहले तक प्यार लुटाने वाले योगेश का ऐसा रूप मीता को नागवार लगता था…. लेकिन करती भी क्या ??
जब बात मीता की सहनशक्ति ले परे हो गई तो मजबूर होकर उसने योगेश से अलग होने का मन बना लिया । एक दिन हिचकिचाते हुये उसने अपना फ़ैसला योगेश को सुनाया । योगेश ने बात की गहराई को नहीं समझा…. उसने सोचा ….. ऐसे ही बकबक कर रही है .. आख़िर कहाँ जायेगी । हमारे पुरूष प्रधान समाज में महिलाओं के प्रति पुरूषोंकी सोच सदैव निम्न स्तर की ही रहती है ।
लेकिन एक दिन योगेश के ऑफ़िस जाने के बाद मीता बच्ची व कुछ सामान लेकर अपने मायने चली गई…….शाम को घर आने पर योगेश ने मीका को नहीं देखा तो उसे चिंता हुई….. लेकिन फिर सोचा दो- एक दिन में लौट आयेगी। जब मीता एक सप्ताह तक नहीं लौटी तो योगेश को चिंता होने लगी…….. उसने मीता को घर लौट आने को कहा….. लेकिन मीता नहीं मानी । जब भी वो अपने घर जाने की सोचती …… योगेश का व्यवहार उसे या जाता एवं पुन: उसके क़दम वापस पीछे लौट जाते ।।
इसी तरह एक माह बीत गया । योगेश बीमार रहने लगा व घर भी अव्यवस्थित रहने लगा । उसकी तबीयत दिनोंदिन बिगड़ने लगी । मीता को जब पता चला तो वह स्वयं को रोक नहीं पायी एवं बेटी के साथ अपने घर को लौट आयी। योगेश की हालत देखकर उसे लगा …. उसने बहुत बड़ी ग़लत कर दी……अत: अपनी करनी पर उसे पश्चात्ताप भी हुआ……….. तथा योगेश ने भी वादा किया कि भविष्य में वह मीता की भरपूर मदद करेगा । दोनों पुन: सुखपूर्वक जीवन व्यतीत करने लगे ।।