Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Oct 2017 · 1 min read

** सच्चा प्यार नहीं **

घरबार बहुत द्वार बहुत है लेकिन सच्चा प्यार नहीं

दौलत की भरमार बहुत है लेकिन कारोबार नहीं

देखो सच्चा यार नहीं क्या दुनियां का व्यवहार यही

भूख है जीवन जीने की क्या इसका पारावार नहीं।।

?मधुप बैरागी

Language: Hindi
1 Like · 491 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
Loading...