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2 Mar 2020 · 1 min read

सच्चाई की मूठ

जबसे सबने छोड़ दी,.सच्चाई की मूठ ।
बाजारों में बिक गया,झटपट सारा झूठ ।।

जल्दी से भरते नही,…वहाँ दिलों के घाव ।
धू धू कर के जल गया ,जहाँ प्रेम सद्भाव ।।
रमेश शर्मा

Language: Hindi
2 Likes · 351 Views
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