“सघन”
“सघन”
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सघन भावों से बनती जो शब्दों की माला,
वो रचना होती भावपूर्ण, खूबसूरती वाला।
सारगर्भित तथ्यों को रसों से सराबोर कर,
सृजित रचना होती सुखद एहसास वाला।
( स्वरचित एवं मौलिक )
© अजित कुमार “कर्ण” ✍️
~ किशनगंज ( बिहार )
दिनांक :- 25 / 04 / 2022.
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