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21 Mar 2024 · 1 min read

* सखी जरा बात सुन लो *

* सखी जरा बात सुन लो *
**********************

ओ सखी जरा बात सुन लो,
अनकहे से जज्बात सुन लो।

चाँदनी भरी रात निकली,
बेवफा रही आह सुन लो।

खूबियाँ बहुत खास देखी,
जो रही कमी आन सुन लो।

रोकता रहा राह हर दम,
बेसुरा बजा साज सुन लो।

दो कदम चला साथ हमदम,
आखरी रहा नाम सुन लो।

छोड़ जब गई आस बाकी,
हमसफऱ रही साँस सुन लो।

बन गया भरा जाम कातिल,
तन-बदन नहीं जान सुन लो।

घोटता रहा साँस मनसीरत,
वो कहर भरा राग सुन लो।
**********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेडी राओ वाली (कैथल)

1 Like · 158 Views
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