सखी और साखी
द्विपदी लेखन
जो रहे साथ सदा, है वही सखी
है भ्रम रिश्ते देती , साखी
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल
द्विपदी लेखन
जो रहे साथ सदा, है वही सखी
है भ्रम रिश्ते देती , साखी
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल