सकारात्मक सोच
सकारात्मक सोच रखो जीवन में,
जब भी मुश्किल आए।
घबराहट में कभी ,
मिलता नही उपाय ।
होकर अधीर कभी,
अपना काम नहीं बिगाड़ो।
मुश्किल जब भी आए ,
अच्छी सोच से विचारो।
कष्ट जीवन की सबसे,
गहरी होती परीक्षा है।
हिम्मत सहनशीलता से ,
साहस रखना धैर्य की शिक्षा है।
अच्छे दिन जब गुजर गए ,
बुरे कहां रह जायेंगे।
अपने और पराए की,
पहचान यही कराएंगे।
धैर्य सबसे बङा मित्र है ,
दामन इससे न छुड़ाना।
हों विपरीत परिस्थितियां,
सकारात्मकता से बढ़ते जाना।
शुभ सोच के सदा ,
होते सुंदर परिणाम है।
असंतुलित मस्तिष्क में ,
आते बुरे मुकाम है।
सकारात्मक सोच जीवन को,
स्वस्थ बनाती हैं।
औरों को भी हिम्मत देती ,
खुद को भी आगे बढ़ाती हैं।
सकारात्मक सोच से ,
मुश्किल आसान लगती हैं।
सकारात्मक सोच ही ,
जीवन को बदलती हैं।
सकारात्मक सोच से ,
चीटी पहाड़ चढ़ जाती है।
उन्नति और अवनति की ,
नीव सोच ही बनाती हैं।
सकारात्मकता जीवन की ,
कभी नही तुम खोना,
जो होगा वो होता रहेगा,
मत छोड़ देना जीवन जीना।
हिम्मत से ही संकट को,
पार किया जाता है।
सकारात्मकता और हिम्मत को ,
जीवन का आदर्श बना लो।
संभालना है भविष्य को,
जीवन का ये मंत्र अपना लो।
स्वरचित एवं मौलिक
कंचन वर्मा शाहजहांपुर
उत्तर प्रदेश