सकारात्मक विचारों के साथ इस अदृश्य दुश्मन से लड़ना आसान है – आनंदश्री
सकारात्मक विचारों के साथ इस अदृश्य दुश्मन से लड़ना आसान है – आनंदश्री
– दुश्मन अदृश्य है तो हमे भी अदृश्य ताकत का उपयोग करना है
एक बार फिर देश मे लॉकडाउन की शुरुवात हो चुकी है । फिर से कोरोना वायरस की वजह से आम जीवन में लोगों को कई तरह के दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अपने आप ही लोग खुद को कोरेंटिन कर चुके हैं।
सकारात्मक दृष्टिकोण तथा विचारो के साथ एहतियात बरतने की जरूरत
इस अदृश्य शत्रु को सकारात्मक विचार, प्रार्थना और सरकारी गाईडलाईन के आदेशानुसार लड़े। यह सच है कि विपरीत परिस्थितियों में मन को शांत रखना बेहद मुश्किल होता है। लेकिन ध्यान रहे अगर आप पॉजिटिव रहेंगे तो किसी भी मुश्किल हालात से लड़ सकते हैं।
कोरोना को निगेटिव रखने के लिए खुद के विचार पॉज़िटिव रखे
सबसे पहले मोटिवेशनल स्पीकर के वीडियो सुनें। इसके अलावा कई ऐसे कई सकारात्मक कोट्स इंटरनेट पर पहले से उपलब्ध हैं। यह कोट्स भले ही छोटे हैं, लेकिन इनकी बातें आपके दिल को छू लेंगी। जो आपको धीरे धीरे बदल देगी।
अतीत के बारे में सोचकर वर्तमान और भविष्य को खराब न करें
जो जा चुका है वह राख हो चुका है। जो हो चुका है, उसके बारे में सोचने के बजाय आज के बारे में सोचे। अगर आप आज में जीते हैं, तो अपने भविष्य को भी बेहतर बना सकते हैं। किसी तरह अपने को निराश न करें, सोचें कि आप इससे ज्यादा मजबूत हैं। किसी बुद्धिमान व्यक्ति ने कहा है कि अपने अतीत में कैद होकर न रहें। यह मान कर चलें कि ये एक सीख थी, जिंदगी नहीं। जिंदगी बनानी सीखो उसे जीवन मे उतारना है और आगे बढ़ना है।
सचमुच में सफल होना चाहते हो तो ..
अगर आप अपनी जिंदगी एक सही सार्थक उद्देश्य पाना चाहते हैं, तो उससे पहले कुछ बातों को समझने की जरूरत है। आप पाएंगे कि आपका उद्देश्य केवल दूसरों की सेवा में है, ऐसे में आप अपने शरीर, मन को उससे जुड़ा हुआ पाएंगे। जब आप अपने देखने का नजरिया बदलेंगे तो चीजे खुद बदल जाएंगी। एटिट्यूड सब कुछ होता है, ऐसे में जब आप अपना नजरिया बदल देते हैं तो काफी चीजे खुद बदल जाती हैं। इसलिए पॉजिटिव रहें।
नकारात्मक विचारों से बचें, अपना ध्यान कहीं और लगा लें। कई बार फिल्में और कविताएं जो नहीं कर पाती हैं वो काम ये कोट्स कर देते हैं। अगर आप खाली हैं, और आपके दिमाग में नेगेटिव बातें आ रही हैं, तो इन कोट्स को पढ़ आप बेहतर महसूस करेंगे। बड़ी बड़ी किताबे जो नही कर सकती है वह अच्छे विचारों से भरी छोटी सी किताबे कर सकती है।
मोटीवेट रहे, आनंदित रहे, वही फैलाये, वही बात करें , यही आपकी अदृश्य ताकत है।
प्रो डॉ दिनेश गुप्ता- आनंदश्री
आध्यात्मिक व्याख्याता एवं माइन्डसेट गुरु
मुम्बई
8007179747