संस्कृतम् शरणं गच्छामि
हे मित्रम, संस्कृतिं शरणं गच्छामि सर्वदा!
हे मित्रम, राष्ट्रगौरवं शरणं गच्छामि सर्वदा!!
हे मित्रम, संस्कृतम् शरणं गच्छामि सर्वदा!!!
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हिन्दी भावार्थ: —
हे मित्र, संस्कृति की शरण लेता हूँ सदा !
हे मित्र, राष्ट्रगौरव की शरण लेता हूँ सदा !!
हे मित्र, संस्कृत की शरण लेता हूँ सदा !!!