Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jan 2024 · 1 min read

संस्कारों की रिक्तता

संस्कारों की रिक्तता
संस्कारों की रिक्तता ने रिश्तों को शून्य कर दिया है
सुकून, सम्मान, मर्यादा सब कुछ कहीं खो गया है
माता-पिता की सेवा बच्चों का आदर सब कुछ भूल गए हैं हम
रिश्तों में अहंकार और स्वार्थ का वास
परिजनों के लिए अब कोई वक्त नहीं है
रिश्ते बन गए हैं सिर्फ नाम के लिए
बच्चे माता-पिता का आदर नहीं करते
माता-पिता बच्चों का पालन-पोषण नहीं करते
पति-पत्नी में विश्वास और प्रेम नहीं है
रिश्ते बन गए हैं सिर्फ दिखावे के लिए
संस्कारों की रिक्तता ने समाज को खोखला कर दिया है
आओ, हम सब मिलकर संस्कारों को फिर से जगाएं
और अपने रिश्तों को पुनः मजबूत बनाएं

138 Views

You may also like these posts

हर मौसम भाता है मुझे,
हर मौसम भाता है मुझे,
ओसमणी साहू 'ओश'
कौन है वो
कौन है वो
Sonam Puneet Dubey
तुझे आगे कदम बढ़ाना होगा ।
तुझे आगे कदम बढ़ाना होगा ।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
जीवन में निरंतर जलना,
जीवन में निरंतर जलना,
जय लगन कुमार हैप्पी
उपवास
उपवास
Kanchan verma
4385.*पूर्णिका*
4385.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
माना सांसों के लिए,
माना सांसों के लिए,
शेखर सिंह
बहता काजल पलक से उठाने दे ज़रा ।
बहता काजल पलक से उठाने दे ज़रा ।
sushil sarna
यकीं तुमने मोहब्बत पर जो दिल से किया होता
यकीं तुमने मोहब्बत पर जो दिल से किया होता
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
कुछ किताबें और
कुछ किताबें और
Shweta Soni
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
बड़े परिवर्तन तुरंत नहीं हो सकते, लेकिन प्रयास से कठिन भी आस
बड़े परिवर्तन तुरंत नहीं हो सकते, लेकिन प्रयास से कठिन भी आस
ललकार भारद्वाज
उन्होंने कहा बात न किया कीजिए मुझसे
उन्होंने कहा बात न किया कीजिए मुझसे
विकास शुक्ल
"जीत की कीमत"
Dr. Kishan tandon kranti
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
चुल्लू भर पानी में
चुल्लू भर पानी में
Satish Srijan
यदि हमें अपने वास्तविक स्वरूप का दर्शन करना है फिर हमें बाहर
यदि हमें अपने वास्तविक स्वरूप का दर्शन करना है फिर हमें बाहर
Ravikesh Jha
विशेष सूचना
विशेष सूचना
निधि यादव
बाल कविता शेर को मिलते बब्बर शेर
बाल कविता शेर को मिलते बब्बर शेर
vivek saxena
राष्ट्र निर्माता गुरु
राष्ट्र निर्माता गुरु
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
वो दिल लगाकर मौहब्बत में अकेला छोड़ गये ।
वो दिल लगाकर मौहब्बत में अकेला छोड़ गये ।
Phool gufran
आत्मविश्वास
आत्मविश्वास
Shyam Sundar Subramanian
दोहा चौका .. सफर
दोहा चौका .. सफर
Sushil Sarna
🐍भुजंगी छंद🐍 विधान~ [यगण यगण यगण+लघु गुरु] ( 122 122 122 12 11वर्ण,,4 चरण दो-दो चरण समतुकांत]
🐍भुजंगी छंद🐍 विधान~ [यगण यगण यगण+लघु गुरु] ( 122 122 122 12 11वर्ण,,4 चरण दो-दो चरण समतुकांत]
Neelam Sharma
..
..
*प्रणय*
हमें भी जिंदगी में रंग भरने का जुनून था
हमें भी जिंदगी में रंग भरने का जुनून था
VINOD CHAUHAN
आदि शक्ति
आदि शक्ति
Chitra Bisht
मोहब्बत तो अब भी
मोहब्बत तो अब भी
Surinder blackpen
जल संरक्षरण है अपना कर्तव्य
जल संरक्षरण है अपना कर्तव्य
Buddha Prakash
*गधा (बाल कविता)*
*गधा (बाल कविता)*
Ravi Prakash
Loading...