संसार में कोई किसी का नही, सब अपने ही स्वार्थ के अंधे हैं ।
संसार में कोई किसी का नही, सब अपने ही स्वार्थ के अंधे हैं । इसिलिए कोई भी निर्णय व्यक्ति आत्मकेन्द्रित होकर करता है ।
●दिनेश यादव
संसार में कोई किसी का नही, सब अपने ही स्वार्थ के अंधे हैं । इसिलिए कोई भी निर्णय व्यक्ति आत्मकेन्द्रित होकर करता है ।
●दिनेश यादव