संवेदना
संवेदना
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जीवन भरा पड़ा है संवेदना से
कभी करुणा कभी वेदना से
धरती पर आया है जो भी
सुख-दुख कटेगा वो भी
रात है अगर तो दिन भी होगा
बेशक डगर पर राही ही होगा
भेदभाव के चक्कर में नहीं आना है
हमे संग मिलकर राह बनाना है
तुम आना हमेशा सभी के काम सदा
तेरा जग में होता रहेगा नाम सदा
हृदय की बात सभी से कहना नहीं
झूठा इल्जाम तुम कभी सहना नहीं
शमा परवीन बहराइच उत्तर प्रदेश