Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Apr 2024 · 1 min read

* संवेदनाएं *

** गीतिका **
~~
हर समय जीवित रहें संवेदनाएं।
स्नेह की शुभ भावना मन में जगाएं।

भूख से कोई तड़पता न रहे अब।
पास हो कुछ बांट कर सबको खिलाएं।

जब कहीं पर भी दिखे आंसू छलकते।
पोंछ डाले हाथ हम आगे बढ़ाएं।

भावनाएं जब स्वयं मन में जगी हो।
साथ सबके हर कदम हम भी मिलाएं।

सर्व हित का भाव है कल्याणकारी।
बस इसी को ध्येय जीवन का बनाएं।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य, २५/०४/२०२४

3 Likes · 93 Views
Books from surenderpal vaidya
View all

You may also like these posts

मुक्तक
मुक्तक
डी. के. निवातिया
बहुत बोल लिया है
बहुत बोल लिया है
Sonam Puneet Dubey
यही चाहूँ तुमसे, मोरी छठ मैया
यही चाहूँ तुमसे, मोरी छठ मैया
gurudeenverma198
लोग याद तभी करते हैं, उनकी जररूत के हिसाब से।
लोग याद तभी करते हैं, उनकी जररूत के हिसाब से।
Iamalpu9492
😊😊😊
😊😊😊
*प्रणय*
मां
मां
Dr. Shakreen Sageer
माँ को फिक्र बेटे की,
माँ को फिक्र बेटे की,
Harminder Kaur
......... ढेरा.......
......... ढेरा.......
Naushaba Suriya
काम चलता रहता निर्द्वंद्व
काम चलता रहता निर्द्वंद्व
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मौन गीत
मौन गीत
Karuna Bhalla
ज़िंदगी ख़त्म थोड़ी
ज़िंदगी ख़त्म थोड़ी
Dr fauzia Naseem shad
जब लोग आपके विरुद्ध अधिक बोलने के साथ आपकी आलोचना भी करने लग
जब लोग आपके विरुद्ध अधिक बोलने के साथ आपकी आलोचना भी करने लग
Paras Nath Jha
गुजर रही थी उसके होठों से मुस्कुराहटें,
गुजर रही थी उसके होठों से मुस्कुराहटें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
“लिखते कुछ कम हैं”
“लिखते कुछ कम हैं”
DrLakshman Jha Parimal
आँसू बरसे उस तरफ, इधर शुष्क थे नेत्र।
आँसू बरसे उस तरफ, इधर शुष्क थे नेत्र।
डॉ.सीमा अग्रवाल
" जय भारत-जय गणतंत्र ! "
Surya Barman
Second Chance
Second Chance
Pooja Singh
कहते हैं  की चाय की चुस्कियो के साथ तमाम समस्या दूर हो जाती
कहते हैं की चाय की चुस्कियो के साथ तमाम समस्या दूर हो जाती
Ashwini sharma
सियासत जो रियासत खतम करके हम बनाए थे, सियासत से रियासत बनाने
सियासत जो रियासत खतम करके हम बनाए थे, सियासत से रियासत बनाने
Sanjay ' शून्य'
*जितनी चादर है उतने ही, यदि पॉंव पसारो अच्छा है (राधेश्यामी
*जितनी चादर है उतने ही, यदि पॉंव पसारो अच्छा है (राधेश्यामी
Ravi Prakash
गीत गज़ल की बातें
गीत गज़ल की बातें
Girija Arora
तारीफ किसकी करूं किसको बुरा कह दूं
तारीफ किसकी करूं किसको बुरा कह दूं
डॉ. दीपक बवेजा
23/24.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/24.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जीवन सभी का मस्त है
जीवन सभी का मस्त है
Neeraj Agarwal
कुछ इस तरह टुटे है लोगो के नजरअंदाजगी से
कुछ इस तरह टुटे है लोगो के नजरअंदाजगी से
पूर्वार्थ
23. गुनाह
23. गुनाह
Rajeev Dutta
खींच रखी हैं इश्क़ की सारी हदें उसने,
खींच रखी हैं इश्क़ की सारी हदें उसने,
शेखर सिंह
उधार  ...
उधार ...
sushil sarna
"अक्सर"
Dr. Kishan tandon kranti
जन्म जला सा हूँ शायद...!
जन्म जला सा हूँ शायद...!
पंकज परिंदा
Loading...