Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2024 · 1 min read

संवेदनशीलता का रोमांच

“संवेदनशीलता का रोमांच और धड़कन की थिरकन”

नयन अब झुकते नहीं गाल लज्जा से लाल नही होते
सिहरन झुरझुरी रोंगटे खड़े कहीं फिलहाल नहीं होते

अजीब सा चलन है आज प्रेम, प्यार, प्रीत जताने का
जैसा दीखता है सभी को वैसे सूरत-ए-हाल नहीं होते

भावनाओं का सीधा संबंध रहा है मन हृदय आत्मा से
जैसी हैं महसूस होती हैं, इन में माया जाल नही होते

संवेदनशीलता, मूलमंत्र है परस्पर रिश्तों में जीवन का
ताक पर रखे हुए रिश्ते जब चाहो तब बहाल नहीं होते

जोश में तो सभी होश खो देते हैं, आप अकेले नहीं हैं
जोश में होश जो कायम रखें अब बहरहाल नहीं होते

नयन अब झुकते नहीं गाल लज्जा से लाल नही होते

~ नितिन जोधपुरी “छीण”

46 Views

You may also like these posts

गांव जीवन का मूल आधार
गांव जीवन का मूल आधार
Vivek Sharma Visha
ग़ज़ल _ दर्द बन कर तुम मेरी आँखों में आते क्यूँ नहीं।
ग़ज़ल _ दर्द बन कर तुम मेरी आँखों में आते क्यूँ नहीं।
Neelofar Khan
दिल से
दिल से
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मन से उतरे लोग दाग धब्बों की तरह होते हैं
मन से उतरे लोग दाग धब्बों की तरह होते हैं
ruby kumari
बिखरे खुद को, जब भी समेट कर रखा, खुद के ताबूत से हीं, खुद को गवां कर गए।
बिखरे खुद को, जब भी समेट कर रखा, खुद के ताबूत से हीं, खुद को गवां कर गए।
Manisha Manjari
प्रकाश
प्रकाश
Aman Kumar Holy
छुपा रखा है।
छुपा रखा है।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
*जब तक सही विचारों का, मृदु शुभागमन जारी है (मुक्तक)*
*जब तक सही विचारों का, मृदु शुभागमन जारी है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
वृक्ष महिमा
वृक्ष महिमा
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
भ्रूण व्यथा
भ्रूण व्यथा
manorath maharaj
कर सत्य की खोज
कर सत्य की खोज
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
वो हर खेल को शतरंज की तरह खेलते हैं,
वो हर खेल को शतरंज की तरह खेलते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वक्त की दहलीज पर
वक्त की दहलीज पर
Harminder Kaur
सर्वप्रथम पिया से रँग लगवाउंगी
सर्वप्रथम पिया से रँग लगवाउंगी
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
आज किसी का दिल टूटा है
आज किसी का दिल टूटा है
Rajender Kumar Miraaj
माँ मैथिली आओर विश्वक प्राण मैथिली --- रामइकबाल सिंह 'राकेश'
माँ मैथिली आओर विश्वक प्राण मैथिली --- रामइकबाल सिंह 'राकेश'
श्रीहर्ष आचार्य
भजन
भजन
सुरेखा कादियान 'सृजना'
2616.पूर्णिका
2616.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
बहरूपिया
बहरूपिया
Pushpraj Anant
सच ही सच
सच ही सच
Neeraj Agarwal
Needs keep people together.
Needs keep people together.
सिद्धार्थ गोरखपुरी
ग्रीष्म ऋतु
ग्रीष्म ऋतु
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
मतदान जागरूकता
मतदान जागरूकता
Neerja Sharma
मोहब्बत
मोहब्बत
अखिलेश 'अखिल'
अधबीच
अधबीच
Dr. Mahesh Kumawat
सूरवीर
सूरवीर
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
दोस्ती का मर्म (कविता)
दोस्ती का मर्म (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
" सुनो "
Dr. Kishan tandon kranti
People often dwindle in a doubtful question,
People often dwindle in a doubtful question,
Chaahat
जलाओ प्यार के दीपक खिलाओ फूल चाहत के
जलाओ प्यार के दीपक खिलाओ फूल चाहत के
आर.एस. 'प्रीतम'
Loading...