“संविधान”
“संविधान”
जब से स्वराज का सुघर विहान हो गया ,
अपनी धरा वह अपना आसमान हो गया,
राजा प्रजा दोनों ही एक समान हो गए
जिस दिन से लागू मेरा संविधान हो गया।
✍️श्लोक”उमंग”✍️
“संविधान”
जब से स्वराज का सुघर विहान हो गया ,
अपनी धरा वह अपना आसमान हो गया,
राजा प्रजा दोनों ही एक समान हो गए
जिस दिन से लागू मेरा संविधान हो गया।
✍️श्लोक”उमंग”✍️