Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Apr 2022 · 2 min read

संविधान निर्माता को मेरा नमन

हम सब भारतीय हैं lहमारा देश भारत हैं ,किसी भी देश का संविधान उस देश की आत्मा होती हैं भारत का संविधान भी उसकी आत्मा हैं ज़िसको बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर ने लिखा और उनके द्वारा संविधान इसलिये लिखा गया क्यूकी उनकी शिक्षा उच्च थी इसलिये नही की वो किसी विशेष जाति से थे वो जो भी थे अपनी उच्च शिक्षा के दम पर थे l
उनको एक सम्मान का दर्जा दिया गया पर आज भी लोगो की मानसिकता मे तब से लेकर अभी तक कुछ खासा अंतर नही आय़ा हैं
आज ज़हा हम सब अम्बेडकर जयंती मना रहे हैं तो वो भी एक विशेष जाति समुदाय द्वारा….बहुत से लोग स्टेटस लगा रहे हैं जो विशेष जाति
से संबंधित हैं बाकी 100 प्रतिशत मे से 10 प्रतिशत लोग ही हैं जो संविधान को समझ पा रहे हैं जो किसी भी वर्ग से आते हैं लोग हर
तरह की जयंती मना लेते हैं पर लोगो को लगता हैं की यह तो हमारा त्योहार नही हैं विशेष जाति का हैं l
य़ा अगर हम इस से संबंधित स्टेटस य़ा इस बारे मे बात कर लेंगे तो हमको लोग समाज पता नही क्या समझ लेगा और बात तरफ इन जैसे लोगो को आरक्षण से दिक्कत हैं ….अगर आज भी समाज मे यही मानसिकता हैं तो फिर आज भी आरक्षण बहुत सही हैं और होना ही चाहिए l
हमारा देश हमारे लिए सर्वोपरी होना चाहिए पर जो देश और देश का आत्मा को नही जान सके वो भारतीय भी नही हो सकते l
मेरे लिए कोई धर्म कोई जाति सब एक बराबर हैं बस मैं भारतीय हूँ ये अच्छे से जानती हूँ इसके साथ ही सभी भारतियो को अम्बेडकर जयंती की शुभकामनायें 🙏 सुरभी भारती

Language: Hindi
Tag: लेख
3 Likes · 3 Comments · 428 Views

You may also like these posts

किताब का आखिरी पन्ना
किताब का आखिरी पन्ना
Dr. Kishan tandon kranti
मेरे हमसफ़र
मेरे हमसफ़र
Sonam Puneet Dubey
कार्य महान
कार्य महान
surenderpal vaidya
उमंग
उमंग
Akash Yadav
The Mountains high
The Mountains high
Buddha Prakash
महात्मा गांधी
महात्मा गांधी
Nitesh Shah
ये  दुनियाँ है  बाबुल का घर
ये दुनियाँ है बाबुल का घर
Sushmita Singh
खामोश रहना ही जिंदगी के
खामोश रहना ही जिंदगी के
ओनिका सेतिया 'अनु '
हरियाणा में हो गया
हरियाणा में हो गया
*प्रणय*
ईश्वर नाम रख लेने से, तुम ईश्वर ना हो जाओगे,
ईश्वर नाम रख लेने से, तुम ईश्वर ना हो जाओगे,
Anand Kumar
सात समंदर से ज़्यादा स्याही जो ख़ुद में समाए हो,
सात समंदर से ज़्यादा स्याही जो ख़ुद में समाए हो,
ओसमणी साहू 'ओश'
जब कभी हमको सोचते होंगे ।
जब कभी हमको सोचते होंगे ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
जीवन डगर पहचान चलना वटोही
जीवन डगर पहचान चलना वटोही
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अपने सपने कम कम करते ,पल पल देखा इसको बढ़ते
अपने सपने कम कम करते ,पल पल देखा इसको बढ़ते
पूर्वार्थ
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
दोहा
दोहा
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
माँ तुम्हारी गोद में।
माँ तुम्हारी गोद में।
अनुराग दीक्षित
मशाल
मशाल
नेताम आर सी
सबरी के जूठे बेर चखे प्रभु ने उनका उद्धार किया।
सबरी के जूठे बेर चखे प्रभु ने उनका उद्धार किया।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
अंकुरित हुआ है जो पौधा वट वृक्ष बनेगा एकदिन वह,
अंकुरित हुआ है जो पौधा वट वृक्ष बनेगा एकदिन वह,
Anamika Tiwari 'annpurna '
मानव का मिजाज़
मानव का मिजाज़
डॉ. एकान्त नेगी
2843.*पूर्णिका*
2843.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*गॉंधी जी सत्याग्रही, ताकत में बेजोड़ (कुंडलिया)*
*गॉंधी जी सत्याग्रही, ताकत में बेजोड़ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
नवसंवत्सर पर दोहे
नवसंवत्सर पर दोहे
sushil sharma
बेटी
बेटी
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
हाय हाय पैसा
हाय हाय पैसा
अवध किशोर 'अवधू'
चुनाव 2024....
चुनाव 2024....
Sanjay ' शून्य'
सभी को सभी अपनी तरह लगते है
सभी को सभी अपनी तरह लगते है
Shriyansh Gupta
ঈশ্বর কে
ঈশ্বর কে
Otteri Selvakumar
पितरों का लें आशीष...!
पितरों का लें आशीष...!
मनोज कर्ण
Loading...