संविधान की मौलिकता
अगर अम्बेडकर के नेतृत्व में लिखा हुआ भारतीय संविधान कापी-पेस्ट है तो भी वह देश और समाज के लिए मनु या चाणक्य के लिखे हुए ओरिजनल संविधानों से हर मायने में बेहतर है ! राजनीति, धर्म और समाज से जुड़े नियमों में मौलिकता की ख़ोज करना सरासर बेवकूफी है। दुनिया के सारे संविधानों का गंभीर अध्ययन करने के बाद अपने देश और समाज के लिए संविधान तैयार करना हमारे नेताओं की दूरदर्शिता का प्रमाण है।
Shekhar Chandra Mitra